कोई भी व्यक्ति अपनी नौकरी से रिटायर होने के बाद अपने परिवार वालों के साथ समय बिताना चाहता है, मगर 60 साल के हरीश चंद्र सिंह ने आर्मी से रिटायर होने के बाद खेती करना आरंभ किया और आज खेती से लाखों की कमाई कर रहे हैं। इनके इस कार्य को देखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी तारीफ कर चुके हैं।
हरीश चंद्र सिंह का परिचय
हरीश चंद्र सिंह (Harish Chandra Singh) उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर के रहने वाले हैं। इनकी उम्र 60 साल है। इनके पिता एक शिक्षक थे। शिक्षक के साथ ही वह नई तकनीकों के साथ खेती भी करते थे। हरीश चंद्र बचपन में ही अपने पिता के साथ पौधे लगाना और ग्राफ्टिंग करना सीख लिए थे। हरीश चंद्र आर्मी में कर्नल के रूप में कार्यरत थे।
कैसे हुईं शुरुआत?
हरीश चंद्र सिंह (Harish Chandra Singh) उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर के रहने वाले है। वह आर्मी में कर्नल के रूप में कार्यरत थे। साल 2015 में वह कर्नल से रिटायर हो गए। रिटायरमेंट के बाद उन्होंने एक दो जगह पर नौकरी की, पर उनको उस नौकरी में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई दी। इसके बाद वह सुल्तानपुर ज़िला में सैनिक बोर्ड से जुड़ गए और इस दौरान उन्होंने कुछ नया करने का सोचा। जैसा कि हरीश चंद्र एक किसान परिवार से संबंध रखते थे, इस कारण उनके मन में खेती करने का विचार आया। आज से तीन साल पहले हरीश चंद्र ने बाराबंकी में जमीन खरीदी और मल्टी लेयर कॉर्पिंग के साथ फॉरेस्ट गार्डनिंग की शुरुआत की। फिलहाल वह एप्पल बेर, ड्रैगन फ्रूट, चिया सीड्स (Chea Seeds), ब्लैक गेंहू और सेब की खेती कर रहे हैं। इन सब की खेती से इनकी कमाई भी अच्छी खासी हो जाती है। इनके खेती के चर्चे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मन की बात कार्यक्रम के जरिए कर चुके है। यही नहीं लोग इन्हें प्रोग्रेसिव फार्मर्स के नाम से भी जानते है।
हरीश चंद्र का कहना है कि शुरुआत में उन्हें यहां के जलवायु को लेकर मन में थोड़ा संतुष्टि नहीं थी परंतु पहले वर्ष ही फसल काफी अच्छा रहा। लगभग 80% पौधों का संचार अच्छी तरह से हो गया और दूसरे वर्ष से ही एप्पल बेर के फल निकलने लगे। इसके बाद उन्होंने चिया सीड्स (Chea Seeds) और ब्लैक गेंहू की खेती करनी आरंभ कर दी और इससे भी उन्हें सही रिस्पॉन्स मिला। उन्हें खेती करते हुए लगभग ढाई साल हो चुके है, इस कारण अभी बहुत ऐसे पेड़ है जिनमें फल नही लगा हैं। ब्लैक गेंहू, चिया सीड्स (Chea Seeds) और एप्पल बेर से तो इन्हें मुनाफा हो चुकी है, पर एप्पल बेर और ड्रैगन फ्रूट (Dragon Fruit) इस वर्ष के लास्ट तक निकलने लगेंगे।
चिया सीड्स की खेती से एक एकड़ में लगभग दो लाख तक मुनाफा कमाया जा सकता है
चिया सीड्स (Chea Seeds) की खेती के बारे में हरीश चंद्र ने बताया कि इस खेती में मुनाफा ज्यादा होता है और खर्चे भी कम लगती है। इतना ही नहीं इसके रखरखाव में भी ज्यादा मुश्किल नहीं होती है और यह मात्र तीन महीने में ही तैयार हो जाती है। ग्रामीण क्षेत्र और छोटे शहरों के बाजारों में इसकी डिमांड को लेकर थोड़ी मुश्किल जरूर होती है पर बड़े शहरों के बाजारों में इसकी अच्छी खासी डिमांड है। इसकी फसल से एक एकड़ में लगभग दो लाख रुपए तक की मुनाफा कमाया जा सकता है। वही ऑनलाइन मार्केट में यह लगभग 1500 से 2000 रुपए किलो तक बिकता है।
हरीश चंद्र ने बताया कि उन्होंने पहली बार सिर्फ आधा एकड़ में ही चिया सीड्स की बुआई की थी, पर दूसरी बार वह इसकी दायरा बढ़ाएंगे। उन्होंने बताया कि इस बार इन्होंने 2.5 क्विंटल चिया सीड्स (Chea Seeds) बेचे हैं, परंतु इस बार यह भी ऑनलाइन मार्केट पीआर आने को सोच रहे है।
चिया सीड्स की क्यों है डिमांड?
चिया सीड्स (Chea Seeds) एक ऐसी प्रोडक्ट है जिसकी गणना सुपर मार्केट में की जाती है। इसकी मांग बड़े शहरों में अधिक होती है और ज्यादा यह युवाओं को पसंद होती है। इसमें कई तरह के गुण पाए जाते हैं। जैसे- प्रोटीन, फाइबर, फैटी, एसिड,जिंक, विटामिन B3, पोटैशियम, कार्बोहाइट्रेड और अन्य मिनरल्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। चिया सीड्स में इम्यूनिटी बढ़ाने की क्षमता के साथ- साथ हड्डियों को भी मजबूत बनाता है। इतना ही इसमें और कई तरह के गुण होते हैं जैसे- वजन कम करना, कैंसर और स्किन प्रोबल्म्स से भी बचाता है। इसका सेवन सामान्य रूप में दिन में दो बार लगभग 20 ग्राम तक की मात्रा में होती हैं और इसे दूध या पानी में मिलाकर सेवन करने से यह और ज्यादा उपयोगी होता हैं।
कम खर्चे में एप्पल बेर की खेती से ज्यादा मुनाफा
हरीश चंद्र का कहना है कि एप्पल बेर की खेती में कम खर्चे में ज्यादा मुनाफा कमाया जा सकता है। महज एक वर्ष के अंदर इससे 2 से 3 गुना मुनाफा मिल सकता है। इसके लिए किसी ख़ास प्रकार की मिट्टी की जरूरत नहीं होती है, बस इतना ध्यान रखने की जरूरत है कि जहां इसकी खेती करे वहां जल की निकासी होनी चाहिए। इसकी ज्यादातर किस्में बाहर से लाई जाती हैं और बाजार में 30 से ₹40 में एक बीज मिल जाता है। ड्रिप इरिगेशन विधि से बुआई करना इसके लिए कारगर साबित होता है। 2 साल बाद से ही इसमें फल निकलने लगते हैं।
ड्रैगन फ्रूट की खेती में खर्च अधिक पर मुनाफा भी अधिक
ड्रैगन फ्रूट (Dragon Fruit) के बारे में हरीश चंद्र का कहना है कि खेती से किसान अच्छी कमाई कर लेते हैं पर इसमें खर्च भी अधिक होती हैं। ड्रैगन फ्रूट (Dragon Fruit) की बीज कीमत अधिक होती है और इसके देखरेख में भी अधिक खर्च हो जाता है। इसकी मार्केटिंग के लिए देखा जाए तो ग्रामीण क्षेत्रों और छोटे शहरों में बहुत कम होती हैं, परंतु बड़े शहरों और सुपर मार्केट में इसकी मांग ज्यादा होती है। बाजारों में इसकी एक फल की कीमत 100 से 300 रुपए तक होती है। ड्रैगन फ्रूट (Dragon Fruit) की खेती को एक एकड़ में करने पर सालाना 10 टन फल का उत्पाद किया जा सकता है, जिससे प्रति टन 8 से 10 लाख तक की कमाई की जा सकती है।
ड्रैगन फ्रूट की खेती कैसे करें?
ड्रैगन फ्रूट (Dragon Fruit) की खेती करने के लिए इसकी बीज अच्छी होनी चाहिए। ग्राफ्टेड प्लांट् हो तो ज्यादा बेहतर होगा, क्योंकि इसे तैयार होने कम समय लगता है। ड्रैगन फ्रूट (Dragon Fruit) को मार्च से जुलाई के बीच में लगाया जाता है, लगाने के बाद नियमित रूप से कल्टीवेशन और ट्रीटमेंट की जरूरत होती है। यह करीब 1 साल में पौधा तैयार हो जाता है और दूसरे साल में ही फल निकलने लगते हैं। वैसे दूसरे तीसरे साल से ही अच्छी मात्रा में फलों का प्रोडक्शन होने लगता है। इसके लिए टेंपरेचर 10 डिग्री से कम और 40 डिग्री से ज्यादा नहीं होना चाहिए, किसके बीच में इसे किसी भी टेंपरेचर पर उगाया जा सकता है। इसके लिए किसी खास मिट्टी की जरूरत नहीं होती है।
ड्रैगन फ्रूट के लाभ
ड्रैगन फ्रूट (Dragon Fruit) के अनेक फायदे हैं, जैसे- इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए, कोलेस्ट्रॉल लेवल घटाने के लिए, हृदय रोग के लिए, स्वस्थ बालों के लिए, हिमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए, वेट लॉस अथवा कैंसर जैसी बीमारियों को ठीक करने के लिए और स्वस्थ चेहरे आदि के लिए इसका प्रयोग किया जाता है। इन दिनों ड्रैगन फ्रूट (Dragon Fruit) की बड़ी-बड़ी कंपनियों से प्रोसेसिंग के बाद सॉस, जूस, आइसक्रीम सहित कई अन्य प्रोडक्ट भी तैयार किया जा रहा है।
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