गार्डेनिंग आजकल लोगों की शौक बनती जा रही है। एक समय था जब गार्डेनिंग केवल गांव के लोग हीं करते थे लेकिन आज के समय में ज्यादातर शहर एक लोग हीं इस काम को करते नजर आ रहे हैं। आज हम आपको एक ऐसे शख्स से रूबरू कराने वाले हैं, जो एक मरीन इंजीनियर होते हुए भी गार्डेनिंग करना पसंद करते हैं और आज गार्डेनिंग करके समाज के लोगों को प्रेरित भी कर रहे हैं।
कौन है वह शख्स?
हम बात कर रहे हैं बिहार के एक किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले विजय राय (Vijay Rai) की, जो बिहार (Bihar) के पटना (Patna) जिले के रहने वाले हैं। शुरुआती पढ़ाई पटना से पूरी करने के बाद उन्होंने इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। इसके बाद वे जहाज पर मरीन इंजीनियर की नौकरी किया करते थे।

कैसे आया गार्डनिंग का ख्याल
विजय राय (Vijay Rai) एक मरीन इंजीनियर थे इसलिए इनका ज्यादातर समय जहाज पर हीं गुजरता था। हालांकि जब वे छुट्टियों में घर पर आते थे तो उनका मन गार्डनिंग करने को करता था। काफी सोचने के बाद उन्होंने यह तय किया कि उनके लिए घर के छत पर हीं गार्डनिंग करना सही रहेगा।
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एक्सपर्ट इंजीनियर के सलाह लेकर बनवाया घर का छत
विजय राय ने यह तय किया कि वे अपने घर के छत पर हीं गार्डेनिंग करेंगे। इसके बाद उन्होंने एक एक्सपर्ट सिविल इंजीनियर से गार्डेनिंग को लेकर सलाह लिया और उसके अनुसार अपने घर के छत का डिज़ाइनिंग करवाया। उन्होंने इसके लिए अपने छत के ऊपर एक छोटा-सा पूल भी बनवाया।
बता दें कि, वे अपने छत पर आज के समय में तरह-तरह के फलों और सब्जियों का उत्पादन करते हैं तथा इसके साथ हीं साथ छत के ऊपर बने तालाब में मछली पालन का भी भी काम करते हैं।

अनेकों प्रकार के हैं पेड़ मौजूद
विजय कुमार ने घर के छत के ऊपर बने गार्डेन में कई तरह के फलों तथा सब्जियों के पौधे लगाया है। उन्होंने अपने छत पर केले, अमरुद, अनार, नींबू, सीताफल, जामुन, आंवला, आम, एप्पल बेर, करोंदा, पपीता, सहजन, मौसंबी और चीकू जैसे फलों के पेड़ों के अलावा, बनयान, पीपल के भी पेड़ लगाया है। साथ हीं उन्होंने (Vijay Rai) अपने छत पर सभी तरह की सीजनल सब्जियां भी लगाया हैं।
बता दें कि, उनके छत के बगीचे में लौकी, तोरई, करेला, बैंगन, भिंडी, खीरा, और हल्दी समेत कई प्रकार की सब्जियां उपलब्ध हैं। वे सब्जियों और फलों के लिए कभी बाजार नहीं जाते हैं वे इसके लिए अपने बगीचों पर हीं आश्रित हैं।
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सजावटी पौधें भी हैं मौजूद
विजय राय ने अपने बगीचे में फलों तथा सब्जियों के पौधों के अलावे कई तरह के सजावटी पौधें भी लगाया है। यानी कि इन्होंने अपने बगीचे में कई प्रकार के फूल तथा बिना फूल के हीं बगीचों के सौन्दर्य बढ़ाने वाले कई पौधों के प्रजातियां लगाई हैं।
बता दें कि, सजावटी पौधे के रूप में इनके बगीचे में बगीचे की सुन्दरता बढ़ा रहे कई सजावटी पौधे तथा फूलों और बोनसाई के पौधें उपलब्ध है।

घर के गीले कचरे को भी नहीं समझते बेकार
विजय राय (Vijay Rai) अपने घर के कचरो का उपयोग कम्पोस्ट के रुप में बगीचे के पौधों में करते हैं। उन्होंने बताया कि, पिछ्ले 20 सालों से वे अपने घर के किसी भी तरह का गीला या जैविक कचरा को व्यर्थ नहीं जाने दिया है।
उनका कहना है कि, बगीचे से उपज रसोई में जाती हैं और रसोई में इससे बचने वाला कचरा वापस बगीचे में आकर खाद बन जाता है। वे अब उर्वरक के लिए भी कम खर्चे लगाते हैं।